नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने यूनिवर्सिटी नियुक्ति में 200 पॉइंट रोस्टर की वापसी लाने से संबंधित ऑर्डिनेंस को मंजूरी दे दी. इसके बाद अब यूनिवर्सिटी की नौकरियों में पहले जैसा आरक्षण मिलेगा. बता दें कि ओबीसी संगठन इसका विरोध कर थे. 5 मार्च को इसी मुद्दे पर भारत बंद भी बुलाई गई थी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पुराने 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय और UGC द्वारा दायर स्पेशल लीव पिटीशन को 22 जनवरी को ही खारिज कर दिया था. बाद में सरकार ने पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी जिसे कोर्ट ने 28 फरवरी को खारिज कर दिया था. हालांकि मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर लगातार कह रहे थे कि ज़रूरत पड़ी तो सरकार अध्यादेश लाकर 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम को रद्द कर देगी. अब मोदी सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में इस पर अध्यादेश लाया गया है.
13 प्वाइंट रोस्टर पर कैसे शुरू हुआ विवाद?

पहले यूनिवर्सिटी को एक इकाई माना जाता था और इसी आधार पर आरक्षण लागू होता था. लेकिन बाद में यूजीसी ने नए नियम के मुताबिक आरक्षण को विभाग वार लागू किया जाएगा. पहले वेकैंसी 200 प्वाइंट रोस्टर के हिसाब से निकलती थी लेकिन अब 13 प्वाइंट रोस्टर बना दिया गया है. यूजीसी के इस नियम पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुहर लगाई. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने भी 13 प्वाइंट रोस्टर को सही करार दिया. अब पुराने नियम के पक्षधर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाए जाने की मांग कर रहे हैं.

13 प्वाइंट रोस्टर में क्या है?
यूजीसी के मुताबिक, 14 से कम पद जहां होंगे वहां 13 प्वाइंट रोस्टर लागू होगा और उससे अधिक सीटें होंगी तो 200 प्वाइंट रोस्टर लागू किया जाएगा. 13 प्वाइंट रोस्टर में बताया गया है कि कौन से वर्ग के लिए कौन सा क्रम होगा.

इसके मुताबकि, पहला, दूसरा और तीसरा पद अनारक्षित होगा. जबकि चौथा पद ओबीसी कैटेगरी के लिए. फिर पांचवां और छठां पद अनारक्षित. इसके बाद 7वां पद अनुसूचित जाति के लिए, 8वां पद ओबीसी और फिर 9वां, 10वां, 11वां पद अनारक्षित के लिए. 12वां पद ओबीसी के लिए, 13वां फिर अनारक्षित के लिए और 14वां पद अनुसूचित जनजाति के लिए होगा.

यानि अब किसी यूनिवर्सिटी में चार पदों के लिए वेकैंसी निकलती है तब जाकर ओबीसी को, सात पदों की निकलती है तो अनुसूचित जाति को और 14 पदों की निकलती है तो अनुसूचित जनजाति को मौका मिलेगा.

आमतौर पर यूनिवर्सिटी के किसी एक विभाग में चार पांच से अधिक सीटें नहीं होती है. 13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इसी बहाने सरकार आरक्षण पूरी तरह से खत्म करना चाहती है.

200 प्वाइंट रोस्टर में एक से लेकर 200 नंबर तक आरक्षण कैसे लागू होगा इसका ब्योरा होता था. इसके तहत 49.5 प्रतिशत आरक्षण लागू होता था और बांकी की सीट अनारक्षित होती थी. विपक्षी पार्टियां और दलित कार्यकर्ता 200 प्वाइंट वाले पुराने रोस्टर की मांग कर रहे हैं.
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